भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएँ क्विज : भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा और विस्तृत लिखित संविधान है। 1949 में इसमें 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियाँ थीं, जबकि वर्तमान में इसमें लगभग 470 अनुच्छेद, 25 भाग और 12 अनुसूचियाँ हैं। इसकी विस्तृतता का कारण भारत की भौगोलिक विविधता, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (भारत सरकार अधिनियम, 1935) और केंद्र-राज्य दोनों के लिए एक ही संविधान होना है।
यह संविधान कठोरता और लचीलेपन का मिश्रण है। अनुच्छेद 368 के तहत कुछ संशोधन संसद द्वारा विशेष बहुमत से और कुछ संशोधन राज्यों की सहमति से किए जाते हैं। कुछ साधारण संशोधन सामान्य विधायी प्रक्रिया से भी संभव हैं।
भारतीय संविधान एक एकात्मक झुकाव वाली संघीय व्यवस्था अपनाता है जिसमें केंद्र को अधिक शक्ति प्राप्त है, जैसे एकल संविधान, एकल नागरिकता, अखिल भारतीय सेवाएँ आदि। संसद और न्यायपालिका की शक्तियाँ संतुलित हैं – एक ओर संसद संविधान संशोधित कर सकती है, वहीं सर्वोच्च न्यायालय न्यायिक समीक्षा द्वारा असंवैधानिक कानूनों को निरस्त कर सकता है।
संविधान ने संसदीय प्रणाली को अपनाया है, जिसमें कार्यपालिका विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है। इसके साथ ही एकीकृत एवं स्वतंत्र न्यायपालिका की व्यवस्था की गई है, जिसकी सर्वोच्च संस्था सुप्रीम कोर्ट है।
मौलिक अधिकार, राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत, मौलिक कर्त्तव्य जैसे प्रावधान नागरिकों के अधिकारों व दायित्वों को स्पष्ट करते हैं। धर्मनिरपेक्षता, एकल नागरिकता, स्वतंत्र निकायों की स्थापना (जैसे निर्वाचन आयोग), आपातकालीन प्रावधान तथा त्रिस्तरीय शासन व्यवस्था (पंचायती राज और नगर निकाय) भारतीय संविधान की विशिष्टताएँ हैं, जो इसे एक अद्वितीय दस्तावेज़ बनाती हैं।
भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएँ क्विज
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